चलते कदमों को रोकने से पहले सोचा नहीं!
गिरते आंसुओं को गिराने से पहले सोचा नहीं!
हर पल बस सबकी खुशी चाही!
ना जाने फिर भी क्यों!
खुदा ने रुलाने से पहले सोचा नहीं!
बुरे वक्त के आने से जाने तक कभी सोचा नहीं!
अच्छे वक्त की खुशी को याद करना कभी सोचा नहीं! बस कुछ ही यादों को
याद कर गलत फैसले उठा लिए
और जिंदगी के बारे में सोचा नहीं!
रोता रहा, दर्द छुपाता रहा
अपने किसी को भी ना गम बताएं!
सिर्फ तकिए भिगोता रहा
जब भी तेरी यादें आए
खुद को दी अपनी हर गलती की सजा!
ना अपने ना अपनों के बारे में सोचा!
हर गुनाह के लिए सिर्फ अपने आप को कोसा!
काश चलते कदमों को रोका होता!
काश गिरते आंसुओं को पूछा होता!
पर एक सवाल रहेगा हमेशा!
गलती करते वक्त
क्यों कभी सोचा नहीं!!
अपने फैसले पर
क्यों कभी सोचा नहीं!!



इकलौती मेरी कहानी
आज मैं तुम्हे बताता हूं
मेरे दिल की दास्तां
जो अन्दर जकड कर बैठी थी
आज मैं तुम्हे सुनाता हुं
वो मेरा इकलौता प्यार
मैं था उसका
सिर्फ एक शिकार
वो मोहोब्बत को खेल बना
कुछ यूं कर गयी
मैं सब देखता रह गया
वो मेरे सामने ही मुझे मार गई
उससे जिस्म का शौक था
मुझे सिर्फ उससे प्यार करना था
वो रिश्तों को नाप-टोल कर देखती थी
मुझे सिर्फ उसपर मरना था
वो मेरी परछाई लगती थी मुझे
साया बन् कब मुझे ही
अंधेरे में डाल गई
मेरी बर्बादी देख
वो क्या-क्या कर सकती है
अब वह खुद भी
यह जान गई
मेरे आंसूं का मज़ाक
मेरे सामने बनाया
मेरे सामने सब होता था
मैं कुछ न कर पाया
शायद उससे कभी प्यार
था ही नही
शायद उससे कभी मेरा इन्तेजार
था ही नही
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